बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 - गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-2 - गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 - गृह विज्ञान
अध्याय - 11
कार्य सरलीकरण एवं घरेलू उपकरण
(Work Simplification and Household Equipments)
कार्य सरलीकरण की अवधारणा अधिक पुरानी नहीं है। इस क्षेत्र में अध्ययन तथा अनुसंधान का प्रारम्भ आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ था। कार्य के सरलीकरण में शक्ति तथा समय दोनों ही साधनों पर विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि ये दोनों ही साधन प्रबंध सम्बन्धी विभिन्न प्रकार की समस्यायें उत्पन्न करते हैं फिर भी गृहिणी निरन्तर प्रयत्न के द्वारा इन दोनों साधनों का संतुलित उपयोग करने की आदत का विकास कर सकती हैं।
किसी कार्य की निश्चित मात्रा को संपादित करने के लिए शक्ति तथा समय की कम मात्रा का उपयोग करना ही कार्य सरलीकरण कहलाता है। किसी कार्य को सम्पन्न करने की विधि में सुधार करके कार्य को सरल बनाया जा सकता है। वस्तुतः कार्य सरलीकरण ऐसी विधियों को खोजने में सहायता करता है जिससे कार्य को कम समय तथा आसानी से किया जा सके। इस प्रकार कम से कम मात्रा में समय तथा शक्ति लगाकर किसी कार्य को सम्पन्न करने की क्रिया ही कार्य सरलीकरण कहलाती है।
यद्यपि प्रारम्भ में कार्य सरलीकरण का प्रयोग औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि के लिये किया जाता था परन्तु बाद में इनका प्रयोग गृहकार्यों में भी गृहिणियों की सहायता और आराम पहुँचाने की दृष्टि से किया जाने लगा। आज यह गृहिणी के घरेलू जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इससे न केवल गृहिणी के समय और शक्ति की बचत होती है बल्कि यह प्रबंध के लिए भी प्रेरणा प्रदान करती है। इससे न केवल कार्यों से नीरसता कम होती है बल्कि विकलांग गृहिणियों के लिए भी यह अत्यन्त लाभप्रद है। अतः आज कार्य सरलीकरण हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।
स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य
• किसी कार्य की निश्चित मात्रा को सम्पादित करने के लिए शक्ति तथा समय की कम मात्रा का उपयोग करना कार्य सरलीकरण कहलाता है।
• कार्य सरलीकरण के क्षेत्र में अध्ययन एवं शोध अब से लगभग 70 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुए ।
• कार्य सरलीकरण में समय तथा शक्ति, दोनों साधनों पर विशेष जोर दिया जाता है। • प्रारम्भ में कार्य सरलीकरण का प्रयोग उद्योगों में उत्पादन वृद्धि के दृष्टिकोण से किया जाता था फिर इससे सम्बन्धित अनेक शोधों से यह स्पष्ट हुआ कि वर्तमान में गृह कार्यों की दृष्टि से गृहिणियों के लिए भी कार्य सरलीकरण की अवधारणा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। कार्य सरलीकरण से समय एवं शक्ति की बचत होती है । .
• यह प्रबंध के लिए प्रेरणा प्रदान करती है।
• बहुत से ऐसे गृहकार्य भी हैं जिन्हें करने में समय तथा शक्ति अधिक लगती हैं जिसके कारण वे नीरस लगने लगते हैं परन्तु कार्य सरलीकरण के माध्यम से कार्य करने के तरीकों को बदलकर गृहिणी इन कार्यों को रुचिप्रद बना सकती है।
• भारत में कमजोर तथा विकलांग गृहिणियों हेतु कार्य सरलीकरण अत्यन्त लाभप्रद सावित हुआ
• कार्य सरलीकरण के प्रति रुचि जागृत करने की अनेक विधियाँ हैं--
(1) कार्य सरलीकरण के उद्देश्यों का ज्ञान करवाना
(2) लिखित सामग्री द्वारा
(3) फिल्मों द्वारा
(4) कार्य सरलीकरण के प्रदर्शन द्वारा
(5) प्रेरणा प्रदान करने द्वारा तथा जीवन चक्र की धारणा का ज्ञान करवाने द्वारा ।
• गृहिणियों को कार्य सरलीकरण के निम्न उद्देश्यों के जानकारी करवाना आवश्यकता है-
1. प्रत्येक कार्य को इस प्रकार पूर्ण करना कि समय व शक्ति की बचत हो ।
2. कार्य सरलीकरण कुण्ठाजन्य थकान को कम करता है।
3. यह कार्य में अनावश्यक गतियों को हटाता है और गतियों के प्रकार में सुधार करता है।
4. यह एक रूपता के कारण उत्पन्न हुई कार्य सम्बन्धी नीरसता को भी दूर करता है।
5. कार्य सरलीकरण से गृहिणी को अधिक अवकाश मिलता है।
• पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों के माध्यम से गृहणियों में कार्य सरलीकरण के प्रति • रुचि जागृत की जा सकती है। लिखित सामग्री में रुचि जागृत करने वाले चित्रों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
• अशिक्षित महिलाओं को फिल्मों एवं प्रदर्शन के जरिये कार्य सरलीकरण को समझाजा जा सकता है।
• गृहिणियों को कार्य सरलीकरण के लाभों की जानकारी एवं प्रेरणा देकर पुरानी आदतों को छुड़वाया जा सकता है।
• कार्य सरलीकरण की प्रमुख तकनीकों में औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों प्रकार की तकनीकें हैं।
• औपचारिक तकनीक के तहत निम्न तकनीकों का प्रयोग किया जाता है-
(क) स्टाप वांच तकनीक
(ख) चक्रीय ग्राफ विधि (Cycle graph method)
(ग) माइक्रोमोशन फिल्म विश्लेषण विधि
(घ) मेमोमोशन अध्ययन विधि (Memomotion Study Technique)
• कार्य सरलीकरण की अनौपचारिक तकनीकों के अन्तर्गत निम्न तकनीके आती हैं-
1. प्रोसेस चार्ट (Process Chart)
2. पाथवे चार्ट (Pathway Chart)
3. आपरेशन चार्ट (Operation Chart)
• निकल तथा डोर्सी के अनुसार, “सचेतन रूप से सरल आसान तथा अतिशीघ्रता से कार्य करने की विधियाँ खोजना ही कार्य सरलीकरण कहलाता है।"
• ग्रांस तथा क्रेण्डल के अनुसार, “दिये हुए समय तथा शक्ति की मात्रा में अधिक कार्य पूरा कर लेने के रूप में इसे परिभाषित किया जा सकता है अथवा किसी दिये हुए कार्य को करने में समय तथा शक्ति दोनों में से किसी एक पर दोनों की ही मात्रा को कम करना कार्य सरलीकरण है।"
• सी. देवदास के अनुसार, “न्यूनतम मात्रा में समय तथा शक्ति का उपयोग करते किसी कार्य को सम्पन्न करने की तकनीक कार्य सरलीकरण कहलाती है।"
• कार्य सरलीकरण ऐसी विधियों को खोजने में सहायक होती है जिनके माध्यम से कम समय एवं शक्ति द्वारा कार्य को सरलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है।
• अधिक मात्रा में गर्म पानी की आवश्यकता होने पर विद्युत चालित यंत्र का प्रयोग किया जाता है। यह यंत्र दो प्रकार का होता है-
(क) दीवार पर लगाने वाला
(ख) फर्श पर रखा जाने वाला
• इन दोनों प्रकार के यंत्रों द्वारा पानी को गरम किया जा सकता है जिससे समय तथा शक्ति दोनों की बचत होती है।
• विद्युत प्रेस या इस्त्री कपड़ों की सिकुड़न को दूर करने के काम में आता है ।
• विद्युत प्रेस विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित होता है।
• मिक्सर तथा ग्राइन्डर एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से कच्चे पदार्थों को मिश्रित करने तथा सूखे पदार्थों को पीसने का कार्य किया जाता है।
• इसके द्वारा भोज्य पदार्थों को मथने, फेटने, फलों का रस निकालने, सब्जियों को बारीक़ काटने आदि का कार्य किया जाता है।
• यह उपकरण विद्युत मोटर के द्वारा यांत्रिक कार्य करता है।
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